रिश्तन के पूंजी (Ristan Ke Punji- Short Film Script)
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रिश्तन के पूंजी (Ristan Ke Punji- Short Film Script)

रिश्तन के पूंजी सबसे बड़ बा, शायद एही चलते सीमा के नर्स के पढ़ाई के बाद भी नौकरी ना मिलल, काहे कि शायद उनुका ससुराल अवुरी माई-बाबूजी के बात माने के पड़ल।

कबो एह बात पर गर्व ना कईली कि उ नर्स के पढ़ाई कईले हई 

जब से रमेश के हाथ धइली, ससुराल अइली त आपन दोसर दुनिया भुला गइल रहली, अब एह दुनिया के स्वर्ग माने लगली।

सीमा एगो बसल मेहरारू रहली, पूरा परिवार के एके धागा में बान्हत रहली, एतना कइला के बावजूद सुमन के आँख में हमेशा खटकत रहली। सुमन सीमा के ननद रहली और सुमन के भउजाई से कबो ना मिलत रहे। 

सुमन के नवजात बच्चा के छठी के तइयारी चलत रहे, सुमन अपना माई से साफ-साफ कहली कि भउजाई से कह दीं कि हमरा बच्चा के हाथ मत छूवे। बहुत दुख भईल सीमा के सुन के। उ अपना सास से कहली माई, हमरा दुगो लईका बा, फिर काहे सुमन दीदी हमरा के ताना मारतारी। अगर अइसन बा त हम ओह लोग के लइका के हाथ ना लगाइब। लइका खातिर उपहार आ कपड़ा लेके आइल बानी माई तू अपना हाथ से दे सकत बाड़ू।

अरे ना! जा पतोहिया, अपने हाथ से दे दीं। रात में जब सब मेहमान खा के चल गईल रहले।

सीमा आपन जीऊ मोट कर के सुमन के बच्चा के उपहार देहले।

सीमा कहली- बहिन! का रउरा लइका के ना देखाईं? सीमा निहोरा कइली. सुमन लइका के छुपावत रहले।

 बाकिर सीमा देखली कि लइका के हाथ गोड़ बहुत कमजोर आ सूखल लउकत रहे।

का बहिन लइका के ना खियावेले? लइका बहुत कमजोर लउकत बा सुमन खिसिया गइल।

सुमन कहलन- ढेर पढ़ल-लिखल मत होखऽ।

अपना धंधा के मन में राखीं. लइका के ख्याल रखे के तरीका हमरा मालूम बा, हम खुदे अपना लइका के देखभाल करब।

इहे कहत सुमन उहाँ से अपना बच्चा के संगे चल गईले।

एक-दू दिन बाद बच्चा के स्वास्थ्य बहुत खराब होखे लागल, बच्चा के एनीमिया हो गईल, समय प दूध ना मिलला के चलते बच्चा बहुत कमजोर हो गईल रहे। माई सीमा आ सुरेश के फोन करेली, जल्दी आ जा। बच्चा अस्वस्थ बा। सुमन माई के रोक देले कि भाई के फोन करस लेकिन भउजाई से मत बताईं।

अबकी बेर माई बहुत खिसिया गईली, माई सुमन के खूब डांटली, तू पतोह के एतना झूठ कहेनी, फिर भी उ आपन कर्तव्य निभावेली, अगर आप आपन दुख अपना लोग के ना बताईब त केकरा के बताई। तू बताईं कि भाई तोहार ह आ भउजाई पराया ह, उहो तोहरा साथे आ जइहें।

 बच्चा के बेमारी के खबर सुनते सीमा आ सुरेश दौड़ के घरे आ गईले, सुमन के बच्चा के बोखार बढ़े लागल रहे। अस्पताल गईला के बाद बच्चा के आईसीयू में भर्ती करावल गईल। डाक्टर साहेब सुमन के खूब डांटले, का रउवा समय से बच्चा के खाना ना खियावेनी? सुमन डाक्टर से कहली कि उनका लगे दूध नइखे, एही से माई के दूध ना पियावेली ।

लेकिन ए समय बच्चा के माई के दूध के बहुत जरूरत बा, जदी माई के दूध ना मिली त बच्चा के जान ना बची...

    (क्रमशः )... (to be continued!)

    1. सुमन के लईका के जान कैसे बची?
    2. का सीमा सुमन के मदत करीहें?  

    लेखक: सरिता सिंह 
    अपडेट: 26 जुलाई 2023, 22:52

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    Script Title & Keywords: Ristan Ke  Punji- Short Film Script

    Credits-Section: pravakta.com


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