Original Script Title: "आसमान की उड़ान" (Aasman ki Udaan - Thriller)
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Original Script Title: "आसमान की उड़ान" (Aasman ki Udaan - Thriller)


INT. गाँव - दिन

हरे-भरे खेतों से घिरे एक शांत भारतीय गाँव में सूरज उगता है। दूर-दूर तक पक्षी चहचहाते हैं, और हवा में फूलों की खुशबू है (फूलों का दृश्य)। 

हम रवि (22), एक जिज्ञासु लड़का (Excited), और प्रीति (19), एक साहसी लड़की है। वे बचपन से ही सबसे अच्छे दोस्त रहे हैं।


EXT. रवि का घर - दिन

रवि अपने साधारण घर से एक टिफिन बॉक्स लेकर निकलता है। उसने देखा कि  प्रीति बाहर उसका इंतज़ार कर रही है। उसकी पीठ पर एक बैग है.

रवि

(Excited होकर)

प्रीति! मैं आज के एडवेंचर के लिए इंतजार नहीं कर सकता!

प्रीति

(मुस्कुराते हुए)

मैं भी, रवि! चल जल्दी...!

थोड़ी दूरी पर गाँव के कुछ लोग दोनों को घूरते नज़र आते हैं, और खुसर फुसर करते हैं (शब्द साफ़ नहीं सुनाई देता है: किसी पेड़ या / चौराहे का सीन लिया जा सकता है)

ये लोग तो हमारे पीछे ही पड़े रहते हैं, इनका वश चले तो लड़का-लड़की को बात भी न करने दें, दोस्ती तो बहुत दूर की बात है: प्रीति ने रवि से धीरे से कहा!

चुप रहो, फालतू का मूड ख़राब हो जायेगा, रवि ने  प्रीति को समझाया!

फिर उन दोनों की चाल तेज हो जाती है, गाँव में चलते समय खुसफुसाहट वातावरण में गूँजती है... चिड़ियों की चहचहाहट सुनाई देती है... दोनों दूर जाते दिखते हैं। (Drone Shot या फिर छत से शॉट लिया जा सकता है)


EXT. गाँव का तालाब - दिन

रवि और  प्रीति  एक शांत तालाब पर पहुंचते हैं, जो लंबी घास और खिले हुए फूलों से घिरा हुआ है। वे पानी के किनारे बैठकर साफ नीले आकाश के प्रतिबिंब को देख रहे हैं।

रवि

(स्वप्निल)

प्रीति , क्या तुमने कभी सोचा है कि वहां क्या है?

प्रीति

(विचारमग्न)

कभी-कभी, रवि. मैं बचपन से ही वहां के बारे में सुनती रही हूँ, तभी से वहां जाना चाहती थी, लेकिन अकेले कभी हिम्मत नहीं हुई. अब तुम साथ हो, तो फिर आज मेरी यह इच्छा भी पूरी हो जाएगी।

रवि और  प्रीति  एक-दूसरे को दृढ़ दृष्टि से देखते हैं, उनकी साहस की भावना प्रज्वलित हो जाती है... और दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़ लेते हैं।


EXT. परित्यक्त घर - दिन

रवि और  प्रीति सावधानी से गाँव के बाहरी इलाके में एक खंडहर, परित्यक्त घर के पास पहुँचते हैं। (जितना पुराना और एकांत का घर हो, उसे शूट किया जा सकता है, एडिटिंग में उसे ब्लैक / वाइट दिखाया जा सकता है)

रवि

(जिज्ञासु)

गाँव के लोग तो कहते हैं कि इस घर में भूत है! मुझे तो डर लगता है ... !

प्रीति

(हँसना)

भूत मुझे नहीं डराते, रवि। चलो आज सच्चाई का पता लग ही जायेगा!

वे अंदर कदम रखते हैं, उनके दिल प्रत्याशा से धड़कने लगते हैं।


INT. परित्यक्त घर - दिन का समय, अन्दर का दृश्य

रवि और प्रीति जीर्ण-शीर्ण, पुराने कमरों का पता लगाते हैं, उनकी आँखें चौड़ी हो जाती हैं। वे एक कमरे में पुरानी तस्वीरें, धूल भरी किताबें देखते हैं।

रवि

(आश्चर्यचकित)

यह देखो,  प्रीति! यह एक पुरानी डायरी है... यह रही!

वे बारी-बारी से डायरी पढ़ते हैं... कैमरा डायरी पर फोकस करता है... पन्ने पलटते हुए उस पर लिखी पंक्तियों पर फोकस करता है।

कोमल और अमित का नाम उसमें नज़र आता है... 

दोनों एक दूसरे की तरफ आश्चर्य से देखते हैं, तभी दूसरे कमरे में शीशा गिरने की तेज आवाज़ आती है... दोनों डायरी वहीं छोड़कर उस कमरे में जाते हैं, तो वहां बड़ा शीशा टूटा मिलता है. 

प्रीति भाग कर पहले कमरे में आती है और देखती है कि डायरी जहाँ रखी थी, वहां नहीं है.

प्रीति

(आश्चर्य से)

रवि! इधर आओ जल्दी... देखो डायरी यहाँ से गायब है!

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    (क्रमशः )...... आगे .......

    1. वह डायरी आखिर गयी कहाँ?
    2. कोमल और अमित कौन थे, जिनका ज़िक्र डायरी में था?
    3. गाँव के कौन लोग प्रीति और रवि की दोस्ती से परेशान थे?
    4. क्या वास्तव में वह घर भूतिया है, जिसमें प्रीति और रवि घुस चुके हैं?

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      जानने के लिए देखें 'आसमान की उड़ान' का अगला भाग... (यहाँ क्लिक करके पूरी स्क्रिप्ट प्राप्त करें - Click here to get Full Script)

      Script Title: Original Script Title, Aasman ki Udaan - Thriller

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