हमरी माई (Hamri Mai - Bhojpuri Short Story)
अपनी रचनायें भेजें: half.script.hindi@gmail.com

हमरी माई (Hamri Mai - Bhojpuri Short Story)

हमनी तो गांव शहर दूनों जगहई क वासी हई। दूनों जगहई घर दूवआर बा। हमरे गऊंवा से थोड़के दूरी पर गजहड़ा गांव बा।

वोही गऊंवा में लोहन अपने परिवार के साथे रहेलन। लोहनी उनकर मेहरारू हईन। दूनों जने क एगो बेटवा बा।जेकर नाम मल्लु हवे। लोहनी अपने मल्लु के बड़ा प्यार करेलिंन। ऊहे उनकरा अंखियां के तारा बा। हर लरिका अपने माई दादा क प्यारा होखेले। ऊं जईसन भी हो।

ई संसार में दूं तरह के लोग बा। एगो अमीर दूसरका गरीब। हर जगह अमिर - गरीब होला। केहुं खात खात मरत बा... कोई खईले बिन मरत बा।

यही तरह से लोहन अऊंर लोहनी भी...

गरीबता क मारल इंसान बाड़न। लोहन बहुत दिन से बीमार बाड़न। कुछ काम धाम नाही कई पावेलन। उनकरा घरे क सगरो जिम्मेदारी लोहनी पर बा।

लोहनी दुसरा के घरे जाके चऊंका बर्तन क काम करेलिंन। जऊंन रुपया पईसा मिलेला, वोही से उनके घरे क खर्चा चलेला।

दुसरे लोहन क बीमारी। ओहमे भी पईसा चाहीं। बेचारी बड़ा परेशान बाड़िन। जब कष्ट आवेला त चारों ओर से आवेला।

मल्लुवा अबहिन छोट बा। स्कूल में पढ़े जाला... ओकरा फीस क भी पईसा चाहीं।

ऊं बड़ा समझदार लईका बा। अपने माई के कामे में थोड़ बहुत हाथ बटावेला। लोहन लाचार बाड़न। लोहनी के देख के ऊं बड़ा दुखी बाड़न। ई बात के लेकर कि हमरा रहते ओकरा के एतना काम करे के पड़त बा। 

मल्लु अपने माई से कहते बा... हे माई! तूं चिन्ता जिन करा। हम बड़ हो जाईब त तुहार सब कष्ट दूर हो जाई।

भगवान हमनी क परीक्षा लेत बानें। अईसन हमरा के लागत बा। ऊंहे सब ठीक करिहें। माई तूं चिन्ता जिन करा।

मल्लु के एतना भरोसा बा कि सब कुछ ठीक हो जाई। अपने बेटवा के मुंहे से अईसन बातिया सुनके लोहनी क हिम्मत बढ़ जाला।

लोहन माई बेटा क सगरो बात सुन लेहलन... लेकिन का करें। अपने बीमारी से ऊं मजबुर‌ बाड़न।

अपने घरे क दुःख, उनसे देखल नाही जात बा। ई दुःख देखि के लोहन भगवान से आपन मऊअत मांगत बाड़े। हमरे जिअले से कऊंन फायदा बा? हे प्रभु! हमरा के ये जीवन से मुक्ति दे दा...!

लोहन बहुत अच्छा इंसान हवें। दिन रात एक कई के, कड़ी मेहनत कर के कुछ पईसा कमात रहेलन। दुसरे लोगन क भी मदद करत रहलन, लेकिन बीमारी सब कुछ बिगाड़ देहलस।

लोहन क पड़ोसी मानी हवें... उनके घरे क बगलगीर! 

ऊहो बेचारे गरीबे हवें, लेकिन जेतना उनसे हो सकेला, ऊं लोहन के परिवार क मदद करत‌ रहेलन। अपने खईका नाही खईहे, उनके घरे जऊंन रुख सुख खईका बनल रही, ऊं खाना लोहनी के घरे अपने मेहरारू से भेजवा देलन।

कमल जाला कि अईसन पड़ोसी सबके मिलें तो, संसार में केहू भुखल पियासल नाही सुते पाई।

भगवान लोहनी जईसन मेहरारू सबके दें।

जीवन संगिनी बना के...

भईया हो हमरा पाचन के नारी क सम्मान करे के चाही। ऊंहे तो ई संसार क जननी हईन।

हमरी माई तूं सब दिन जिआ।

मल्लु अपने माई से कहत बा, हे माई! तूं हमरा के छोड़ के कबो मत जईहा।

अपने लईका के मुंहे से अईसन बातिया सुनके लोहनी रोवे लगलिन।

... ...

    (क्रमशः )... (to be continued!)

    1. आखिर केतना और कैरेक्टर बाड़न ए कहानी में?
    2. का माई के दुःख दूर क पईहन मल्लू?

    लेखक: राम प्रताप यादव
    अपडेट: 22 जुलाई 2023, 23:35

    अपने YouTube चैनल के लिए एक Free Sample Script मंगाने हेतु यहाँ Click करें...

    Script Title & Keywords: Hamri Mai - Bhojpuri Short Story

    Credits-Section: 


    Previous Post Next Post
    Your Advertisement can come here!