बाप सागपात, बेटा दुर्गादास - (Baap Saagpat, Beta Durgadas - Short Film Story)
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बाप सागपात, बेटा दुर्गादास - (Baap Saagpat, Beta Durgadas - Short Film Story)

पीलखी एक गाँव है। उस गाँव के सभी लोग जमींदार ठोंगेमल (६०) के खेत में काम करके अपना जीवन गुजारते हैं। फुसों के घर से सजी पीलखी गाँव में गर पक्के की मकान है, तो सिर्फ जमींदार का ही है। ठोंगेमल के यहाँ मजदूरों की मजदूरी इतनी कम है कि, बडी़ मुश्किल से दो वक्त की रोटी मजदूर जुटा पाता है। बच्चों की पढा़ई लिखाई तो दूर... शिक्षा से भी सभी परिचित नहीं हैं। 

उसी गाँव में भगलू (५५) अपनी पत्नी भुखली (४८) के संग रहता है। भगवान के आगे कितनी मर्तबा सिर पटकने के बाद उसके घर में एक बच्चे का जन्म होता है। उस बच्चे का नाम पति पत्नी दुर्गादास रखते हैं। भगलू - भूखली कुछ दिन पहले ही दिल्ली शहर से आया है। वहाँ के बच्चों के तरक्की देख कर ही वह अपने बेटे दुर्गादास को अच्छी पढा़ई लिखाई की व्यवस्था के लिए ललाईत है। 

दुर्गादास के भविष्य के लिए दोनों पति - पत्नी जरूरत से ज्यादा मेहनत करता है। अपनी कमाई की चार हींस में से तीन हींस खाने पीने व कपडे़ लत्ते में खर्च करता है। एक हींस दुर्गादास के भविष्य के लिए जमा करता है। दुर्गादास जब पाँच वर्ष का हुआ, तब उसे सरकारी स्कूल में नाम लिखवा देता है। दोनों पति पत्नी निरक्षर रहने के कारण पास के ही एक शिक्षक खदेरन दास (६५) को दुर्गादास को ट्यूशन पढा़ने के लिए रख लेता है।

यह पुरे गाँव में चर्चा के विषय बन जाता है। सभी लोग भगलू को ताना माड़ता है कि, दुर्गादास अब तो गाँव के आफिसर बनेगा। इतना कह के सभी लोग ठहाका लगाता है। जब दुर्गादास पीठ पर बैग ले कर स्कूल जाता है, तब गाँव के सभी बच्चे - बूढे "बाप सागपात, बेटा दुर्गादास" कह कर चिढा़ता है। दुर्गादास दूसरे की बातों पे ध्यान न देते हुए सिर झुका कर स्कूल चला जाता है। सभी औरतें, भूखली को देखते ही "बाप सागपात, बेटा दुर्गादास" कह कर चिढा़ती है। भूखली उन सभी औरतों को कहे भी तो क्या कहे...!!

भूखली को सभी औरतें ताना मारती गयी। समय गुजरता गया। दुर्गादास, पहली कक्षा से दसवीं कक्षा में प्रवेश कर गया। यह खबर जब जमींदार को पता चलता है, तब बाप सागपात, बेटा दुर्गादास कह के ठहाका माड़ता है।  

फकीरचंद (६०,जमींदार के मुंशी) के द्वारा भगलू व भूखली को हवेली में लाया जाता है।

जमींदार भगलू व भूखली को आँखें दिखाते हुए दुर्गादास को नहीं पढाने को कहता है। वह अच्छी तनख्वाह देगा, गर दुर्गादास उसके गाय - भैस का तबेला साफ कर देगा। जमींदार के कटु वचन भगलू व भूखली को असमंजस में डाल देते हैं।

... ...

    (क्रमशः )... (to be continued!)

    1. क्या भगलू व भूखली को सपने पुरे होंगे?
    2. बेशक भगलू सागपात है, पर क्या बेटे को दुर्गादास बना पाएगा?
    3. आखिर जमींदार के मन में उस गाँव के लिए क्या सोच है?
    4. भगलू व भूखली के सपने, क्या दुर्गादास पुरा कर पाएगा? गर पुरा भी करेगा, तो कैसे करेगा?
    5. क्या पीलखी गाँव में शिक्षा की ज्योति जल पाएगी?

    लेखक: प्रद्युम्न अमित
    अपडेट: 27 जुलाई 2023, 10:41

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    Script Title & Keywords: Baap Saagpat, Beta Durgadas - Short Film Story

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