अझुराईल जिनिगी - (Unresolved Life, Short Film Story)
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अझुराईल जिनिगी - (Unresolved Life, Short Film Story)

"पहिले धान देख लs ठेघू, तब बात करs। तू त दू-चार किंटल वाला भाव बुझावावs ताड़s ।"

भीखम सेठ ठेघू के लेके खरिहान में चहुँपलें। खरिहान लगे चहुँपते उनकर नजर आधा ओसावल ढेरी, आ भिरीये पेटकुनीएँ परल ओसवनीहार प गईल। देखिके उ खिसी भूत हो गइलें ।

"सुखरिया! आरे सुखरिया!! सउँसे धान के ढेरी परल बा आ तें सुतsताड़े ? एगो खर टकसावे के होता त तोरा ... 8 दिन से रोज कपारे दरद होता ससुर?" 

सुखरिया कौनो जवाब ना देके चुपचाप सूतल रहल।

भीखम कुरुम के जूता पेन्हले लाते से कई बेर ओकरा के झकझोरलें। बाकिर उनकर खीस आ चिचियात आवाज पहिला बेर बेअसर रहे। आज कान कपार कुल्हि कसके हाथे बन्हले सबकुछ अनसुना करत रहे सुखरिया! 

"काँछ के सुतला से क घरी काम चली? हिसाब तोर बाकी बा त दियाई नू ; हई ले दू सै काम बढ़ाव बढ़ाव झट दे।"

हमेशे तत्पर रहे वाला अनसुना करत रहे । सेठ ठेघू से इशारा कइलन ।

"देखs त लहरी खइले बा का हो। बगली चेक करs तs "

ठेघू तेजी से ओकर टंगरी धके उलट दिहलन। हाथ के बंधन कड़ा हो गइल। बगली से मात्र दू गो गोली बाँचल एक पत्ता पारासीटामोल के गिरल। पपनी ठहरल देख भीखम बुदबुदात हाथ झार दिहलें जवना के माने रहे - नईखे। इशारा देखत भिरी खरिहान से जोधन काका दउड़ अइलें। भीरी बईठ के गमछी से हांकत घबड़ाईल जोधन काका जगावे के खूब कोशिश कइलें। 

"बबुआ सुखारी...! उठ जो बाबू। बबुओ रे ...! ए बबुओ...!" 

कबो पानी छींटत कबो चुरुआ से पियावत जोधन काका के गला भर आईल। 

आलम जमा हो गइल। सभे कोशिश कर के संट हो गइल! कुछ ना हो सकल। ओकरा घरे के आइल। कहां चलि गइल s हो दादा... उठ s जा हो बिकिया के पापा...! मेहरारू आ बेटा के करेजा फार देवे वाला रोवाई से भी कोई असर ना परल। बदहवास होके कई बार बेहोश हो गइल। उठावे खातिर जान लगा दिहलस।

बाकिर सुखरिया बा कि उठो! अब ओकरा से केहू निहोरा करो, भा जोर जबरदस्ती। एक बोली पर उठेवाला आज से केकरो बाप के ना सुनी। 

मऊअत काताना निडर, स्वार्थी आ निफिकिराह बना देवेला। परिवार बाल बच्चा सभके फिकिर छोड़ आज निठुर बनके सुतल बा नींद काट के खटे वाला लइका!

सब कोई चल गइल बाकिर देर तक एगो अजीब सन्नाटा पसरल रहल। ठेघू भीखम के देखलें भीखम ठेघू के।

"धान काल्ह भोरे जोखाई ।" सन्नाटा तोड़त  ठेघू से कहत भीखम झट दे करहा नपले आ पगार प चहुँप गइलें।  

दू घंटा बाद अधूरा पड़ल ढेरी ओसावे में एगो दुसर ओकरे नियन कदहीन सीधा सादा गरीब लइका अझुरा गईल ।

... ...

लेखक: मनीष पाठक
अपडेट: 27 जुलाई 2023, 19:56

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Script Title & Keywords: Unresolved Life, Short Film Story

Credits-Section: pexels.com

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