International day of abolition of slavery, 2 December: A Short film Script in the Indian Context
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International day of abolition of slavery, 2 December: A Short film Script in the Indian Context


शीर्षक: "बंधन बंधनमुक्त"

आईएनटी. मंद रोशनी वाला कमरा - दिन

कमरा खाली है, एक छोटी सी खिड़की को छोड़कर, जिसके माध्यम से हल्की धूप अंदर आती है। हम देखते हैं कि एक युवा लड़की, रिया, लगभग 12 साल की, एक कोने में छिपी हुई है। उसकी आँखें भय और दुःख से भरी हैं।

आईएनटी. गुलामी शिविर - दिन

अस्थायी तंबुओं की पंक्तियाँ एक गुलामी शिविर का निर्माण करती हैं। विभिन्न पृष्ठभूमियों के पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को बंदी बना लिया जाता है, गुलामी की जंजीरों से उनकी आत्माएं टूट जाती हैं।

अमिता, एक दयालु युवा कार्यकर्ता, अपनी आंखों में दृढ़ संकल्प के साथ शिविर में प्रवेश करती है।


अमिता

(खुद से फुसफुसाते हुए)

आज अंतर्राष्ट्रीय गुलामी उन्मूलन दिवस है। हमें उत्पीड़न की इन जंजीरों को तोड़ना होगा और उनकी आजादी बहाल करनी होगी।


आईएनटी. गुलामी शिविर - दिन


अमिता सावधानी से गुलामों को इकट्ठा करती हैं और गुलामी के खिलाफ लड़ने वाले ऐतिहासिक स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियां साझा करती हैं। वह उनके भीतर आशा की एक चिंगारी जलाती है, उन्हें उनकी अंतर्निहित गरिमा और एकता की शक्ति की याद दिलाती है।


आईएनटी. मंद रोशनी वाला कमरा - दिन


अमिता रिया के पास जाती है, जो डर के मारे सहम जाती है।


अमिता

(धीरे ​​से)

डरो मत, मेरे बच्चे. आज हम आज़ादी की यात्रा पर निकलेंगे।


आईएनटी. गुलामी शिविर - रात


अंधेरे की आड़ में, अमिता भागने की योजना बनाती है। वह शिविर के बाहर तैनात अन्य कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय करती है और सहायता प्रदान करने के लिए तैयार रहती है।


आईएनटी. गुलामी शिविर - रात


अमिता बंधकों की निगरानी से बचते हुए, गुप्त रास्तों से रिया सहित गुलामों के एक समूह का नेतृत्व करती है। समूह स्वतंत्रता की इच्छा से प्रेरित होकर चुपचाप आगे बढ़ता है।


आईएनटी. जंगल - रात


समूह को घने जंगल में शरण मिलती है। वे कांपते हुए एक साथ बैठे रहते हैं, लेकिन उनकी आंखें नई आशा से चमकती हैं।


अमिता

(आंसूभरी आंखें)

आज हमने मुक्ति की ओर कदम बढ़ाया है। हमें उन अनगिनत आत्माओं को याद करना चाहिए जिन्होंने हमसे पहले आज़ादी के लिए लड़ाई लड़ी और उनकी विरासत का सम्मान करना चाहिए।


आईएनटी. मंद रोशनी वाला कमरा - दिन


वर्षों बाद, हम रिया को, जो अब एक आत्मविश्वासी युवा महिला है, अंतर्राष्ट्रीय दासता उन्मूलन दिवस पर एक सभा को संबोधित करते हुए देखते हैं।

वह कैद और उसके बाद मुक्ति की अपनी कहानी साझा करती है और दूसरों को सभी प्रकार के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित करती है।


रिया

(जुनूनी)

हमें गुलामी के अत्याचारों को कभी नहीं भूलना चाहिए और इसे अपने समाज से मिटाने का संकल्प लेना चाहिए। आइए हम एक साथ खड़े हों, एकजुट हों और उन बेड़ियों को तोड़ें जो हमें बांधती हैं।


रिया के शक्तिशाली शब्दों से प्रभावित होकर भीड़ तालियाँ बजाने लगी।


फेड आउट।


नोट: गुलामी का विषय एक संवेदनशील और गंभीर मुद्दा है। स्क्रिप्ट का उद्देश्य मुक्ति की लड़ाई में जागरूकता, सक्रियता और एकता के महत्व पर जोर देते हुए गुलामी से प्रभावित लोगों के साहस और लचीलेपन पर प्रकाश डालना है।


Title: "Shackles Unbound"


INT. DIMLY LIT ROOM - DAY


The room is bare, except for a small window, through which faint sunlight peeks in. We see a YOUNG GIRL, RIA, around 12 years old, huddled in a corner. Her eyes are filled with fear and sadness.


INT. SLAVERY CAMP - DAY


Rows of makeshift tents form a SLAVERY CAMP. Men, women, and children, from various backgrounds, are held captive, their spirits broken by the chains of slavery.


AMITA, a compassionate young activist, enters the camp with determination in her eyes.


AMITA

(whispering to herself)

Today is the International Day of the Abolition of Slavery. We must break these chains of oppression and restore their freedom.


INT. SLAVERY CAMP - DAY


Amita discreetly gathers the slaves and shares stories of historic freedom fighters who fought against slavery. She ignites a spark of hope within them, reminding them of their inherent dignity and the power of unity.


INT. DIMLY LIT ROOM - DAY


Amita approaches Ria, who cowers in fear.


AMITA

(gently)

Don't be afraid, my child. Today, we will embark on a journey towards freedom.


INT. SLAVERY CAMP - NIGHT


Under the cover of darkness, Amita orchestrates an escape plan. She coordinates with other activists who are positioned outside the camp, ready to provide assistance.


INT. SLAVERY CAMP - NIGHT


Amita leads a group of slaves, including Ria, through secret pathways, avoiding the watchful eyes of the captors. The group moves stealthily, driven by the desire for freedom.


INT. FOREST - NIGHT


The group finds refuge in a dense forest. They huddle together, shivering, but their eyes sparkle with newfound hope.


AMITA

(teary-eyed)

Today, we have taken a step towards liberation. We must remember the countless souls who fought for freedom before us and honor their legacy.


INT. DIMLY LIT ROOM - DAY


Years later, we see Ria, now a confident young woman, addressing a gathering on the International Day of the Abolition of Slavery. She shares her own story of captivity and subsequent liberation, inspiring others to fight against all forms of oppression.


RIA

(passionate)

We must never forget the atrocities of slavery and vow to eradicate it from our society. Let us stand together, united, and break the shackles that bind us.


The crowd erupts in applause, moved by Ria's powerful words.


FADE OUT.


Note: The topic of slavery is a sensitive and grave issue. The script aims to shed light on the courage and resilience of those affected by slavery while emphasizing the importance of awareness, activism, and unity in the fight for liberation.

Script Title: International day of abolition of slavery, 2 December: A Short film Script in the Indian Context

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